Better yield in wheat due to zero tillage farming

Date: 01/04/2025
Venue:  Farmer Field School Center-Rathoush
Panchayat: Rathoush
Block-Bisfi  (Distt- Madhubani)     

दिनांक 01/04/2025 को KVK मधुबनी के  वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. एस के गंगवार सर,सहायक वैज्ञानिक श्री जोगेंद्र सोरेन और हीफर से श्री करुणेश शुक्ला जी के द्वारा गेहूं के फसल का Crop Cutting की गयी है.जो  फार्मर फील्ड स्कूल ,रथौश के द्वारा जो कृषि कार्य किया जा रहा है, जिसके तहत डेमो प्लाट  और कण्ट्रोल प्लाट में जो अंतर देखा रहा है,जिसमे किसान पाठशाला द्वारा डेमो प्लाट में जीरो टिलेज गेहूं और कण्ट्रोल प्लाट में पारंपरिक विधि से गेहूं की बोआई की गयी थी,दोनों प्लाट 22-22 कट्ठा  का था. इन्ही दोनों प्लाट में  की आज Crop Cutting  किया गया ,जिसमे किसान पाठशाला की सदस्य भी उपस्थित थी .

Crop Cutting  करने की विधि : इस विधि के तहत 1 मीटर का पैमाना बनाया गया,जिसको जिग जैग बना कर दोनों प्लाट में तीन –तीन जगह से Crop Cutting  कर गठर बनाई गयी है.

जीरो टिलेज विधि (गेहूं फसल )

  1. जीरो टिलेज से पहला गट्ठर – 360 ग्राम
  2. जीरो टिलेज से दूसरा गट्ठर – 350 ग्राम
  3. जीरो टिलेज से तीसरा गट्ठर – 350 ग्राम
  4. तीन बण्डल का योग –1050 ग्राम
  5. औसत वजन 1050 ÷ 3= 350 ग्राम
  6. किलो में वजन -350 ÷ 1000=0.350 किलोग्राम
  7. कटाई 1 वर्ग मीटर = 0.350 किलोग्राम तो 4000 वर्गमीटर यानि 1 एकड़ में 0.350 x 4000 =1400 kg अर्थात 1 एकड़ में 14 क्विंटल उत्पादन हुआ है

पारंपरिक विधि (गेहूं फसल)

  1. पारंपरिक विधि से पहला गट्ठर – 280 ग्राम
  2. पारंपरिक विधि से दूसरा गट्ठर – 300 ग्राम
  3. पारंपरिक विधि से तीसरा गट्ठर – 320 ग्राम
  4. तीन बण्डल का योग –900 ग्राम
  5. औसत वजन 900 ÷ 3= 300 ग्राम
  6. किलो में वजन -300 ÷ 1000=0.30 किलोग्राम
  7. कटाई 1 वर्ग मीटर = 0.300 किलोग्राम

    तो 4000 वर्गमीटर यानि 1 एकड़ में 0.300 x 4000 =1200 kg अर्थात 1 एकड़ में 12 क्विंटल उत्पादन हुआ है

नोट: जीरो  टिलेज विधि प्लाट में गेहूं का जो उत्पादन हुआ है वह कण्ट्रोल प्लाट यानि पारंपरिक विधि से की गयी खेती की तुलना में  2 क्विंटल गेहूं का  उत्पादन  ज्यादा पाया गया है . यानि जीरो टिलेज विधि से 1400 kg उत्पादन और कण्ट्रोल प्लाट में 1200 kg उत्पादन हुआ है.यह सभी कटाई KVK मधुबनी के  वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. एस के गंगवार सर,सहायक वैज्ञानिक श्री जोगेंद्र सोरेन और हीफर से श्री करुणेश शुक्ला जी के निगरानी में  किया गया  साथ में FFS के सदस्य भी उपस्थित थी ..

SSEVS-बिस्फी

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